पुलित्जर पुरस्कार विजेताओं का ऐलान

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कोरोना वायरस संकट के बीच इस साल के पुलित्जर पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा हो गई। घोषणा के अनुसार, द न्यू यॉर्क टाइम्स ने सबसे अधिक तीन पुरस्कार जीते हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘एंकरेज डेली न्यूज’, ‘प्रो पब्लिका’ को पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुलित्जर पुरस्कार सोमवार को उन समाचार संगठनों को प्रदान किए गए, जिन्होंने भ्रष्टाचार, कानून प्रवर्तन और अमेरिका में नस्लवाद जैसे मुद्दे को उजागर किया। इन तीनों को इन्हीं मुद्दें पर रिपोर्ट के लिए पुरस्कार मिले हैं। 

पुरस्कार बोर्ड के प्रशासक डाना कैनेडी ने न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक समारोह की बजाय यूट्यूब पर लाइवस्ट्रीम के माध्यम से विजेताओं की घोषणा की। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की झोली में जहां सबसे अधिक तीन, वहीं’ द न्यूयॉर्कर’ ने दो और ‘प्रो पब्लिका’ की झोली में एक अवार्ड आए और दूसरे को शेयर किया।

द टाइम्स की झोली में तीन पुरस्कार आए, जिनमें ब्रायन एम. रोसेंथल की न्यूयॉर्क शहर के टैक्सी उद्योग में खोजी रिपोर्ट भी शामिल है, जिसमें खुलासा किया गया था कैसे कमजोर ड्राइवरों का लाभ उठाकर लोन का बाजार फल रहा है। इसने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शासन की कहानियों की एक श्रृंखला के लिए अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टिंग पुरस्कार भी जीता।

अलास्का में यौन हिंसा की पड़ताल करती इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट्स के लिए ‘एंकरेज डेली न्यूज’ और ‘प्रो पब्लिका’ को संयुक्त रूप से सबसे प्रतिष्ठित माना जाने वाला पब्लिक सर्विस अवॉर्ड मिला। इसके अलावा, ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’, ‘असोसिएटेड प्रेस’, ‘द लॉल एंजिलिस टाइम्स’, ‘द बाल्टिमोर सन’, ‘द फीलिस्तीन हेराल्ड प्रेस’ को भी अलग-अलग खबरों के लिए पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 

रॉयटर्स ने हांगकांग के विरोध प्रदर्शन की तस्वीरों के लिए ब्रेकिंग न्यूज फोटोग्राफी पुरस्कार जीता। कश्मीर घाटी की स्थिति को दर्शाने के लिए एसोसिएटेड प्रेस से जुड़े 3 भारतीय फोटोग्राफर्स को भी फीचर फोटोग्राफी कैटिगरी में अवॉर्ड मिला है।

दरअसल, पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाले पुलित्जर पुरस्कार के विजेताओं के नाम की घोषणा पिछले महीने कोरोना वायरस की वजह से स्थगित कर दी थी। यह पुरस्कार वितरण समारोह 20 अप्रैल को होना था। पुलित्जर पुरस्कार देने वाली संस्था ने कहा था कि उस वक्त ज्यादातर पत्रकार महामारी की रिपोर्टिंग करने में लगे हुए थे। 

पुलित्जर पुरस्कार अमेरिका का एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो पत्रकारिता, साहित्य एवं संगीत रचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को दिया जाता है। पुलित्जर पुरस्कार की शुरुआत 1917 में की गई थी। 


जेरिको ब्राउन को कविता श्रेणी में पुरस्कार


को इस साल के पुलित्‍जर पुरस्‍कारों की सूची में कविता श्रेणी का पुरस्‍कार उनकी किताब किताब ‘द ट्रेडिशन के लिए दिया गया है। उनसे सालों पहले कहीं उनकी कुछ कविताएं पढीं तो जादू सा हुआ था, मेल पर बात हुई थी। फिर सिलसिला टूट गया।

वे अमेरिका में अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं। अश्‍वेत हैं।

उनकी एक नई कविता का अनुवाद आपके लिए कि इस कवि को हिंदी जगत में पहचाना जाना चाहिए। मोब लिंचिग का संदर्भ इस कविता को हमारे लिए बहुत महत्‍वपूर्ण बना देता है।

पहेली

जेरिको ब्राउन

अनुवाद : दुष्यंत ‍

हम नहीं पहचानते ऐमेट टिल* के शरीर को।
हम उस लड़के का नाम भी नहीं जानते
और ना ही उसकी मां की चीख को।
दरअसल, हमने कभी किसी मां के क्रंदन को सुना ही नहीं है।
हम इस देश के इतिहास को भी नहीं जानते
जो हम में शामिल है।
हमें हम में शामिल इस ग्रह का इतिहास भी पता नहीं है
क्‍योंकि हमें जानना ही नहीं होता कि
जिसमें हमारा यकीन है वह हमारा अपना है
हमारा यकीन है हम तुम्‍हारे शरीरों पर अधिकार रखते हैं
पर हमारे लिए तुम्‍हारे आंसुओं की कोई उपयोगिता नहीं है
जो शरीर हमारे काम आने से इनकार करता है
हम उसे नष्‍ट कर देते है।
हम उन नक्‍शों का इस्‍तेमाल करते हैं जो हमने खींचे ही नहीं।
हम समंदर देखते हैं तो उसे पार करते हैं।
हम चांद देखते हैं तो वहां पांव रखते हैं
हम धरती से इतने समय से प्‍यार करते हैं
क्‍योंकि इसे हासिल कर सकते हैं।
श्‍शश.. हम उस आवाज को सुन नहीं सकते।
मां का क्रंदन क्‍या होता है?
जब तक हम बेच नहीं पाते,
हम संगीत को नहीं पहचानते
हम बेचते हैं जिसे खरीदा नहीं जा सकता।
हम मौन खरीदते हैं।
हमें तुम्हारी मदद करने दो।
पानी के भीतर तुम्‍हारी सांस रोक देने की कीमत क्‍या होगी?
इंतजार करो, इंतजार करो। हम कौन हैं?
क्‍या हैं? इस धरती पर हम क्‍या हैं?
क्‍या?


*ऐमेट टिल वह अमेरिकी जिसकी लिंचिंग के बाद इसी साल अमेरिकी सीनेट ने उसके नाम से ही लिंचिंग के खिलाफ स्‍पेशल कानून बनाया है कि लिंचिंग नफरत वाला अपराध है।


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