कथाकार राकेश मिश्र को एम.एस. सिग्नेचर अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड

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डॉ. राकेश मिश्र को अन्‍तराष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रतिष्ठित एम.एस. सिग्‍नेचर अवार्ड 2020 से सम्‍मानित किया गया है। चिकित्‍सा विज्ञान, शैक्षणिक नवोन्‍मेष, कला संस्‍कृति, समाज सेवा आदि के क्षेत्र में दिया जाने वाला यह सम्‍मान डॉ. मिश्र को गांधी अध्‍ययन एवं शांति शोध के क्षेत्र में विशिष्‍ट योगदान के लिये दिया गया है। ध्‍यातव्‍य है कि डॉ. राकेश मिश्र वर्धा महाराष्‍ट्र स्थित महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिन्‍दी विश्‍वविद्यालय में विगत पंद्रह वर्षों से गाँधी एवं शांति अध्‍ययन विषय का अध्‍यापन कर रहे हैं । हाल ही में उन्‍होंने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्‍ली से प्रायोजित एक वृहत परियोजना उदारीकरण का प्रवासी मजदूरों के घरेलू हिंसा पर प्रभाव (बिहार से दिल्‍ली] गुड़गाँव] हरियाणा के प्रवासित मजदूरों के संदर्भ में ) पूर्ण की है ।

प्रख्‍यात चिकित्‍सक मैथिली शरण के नाम पर दिया जाने वाला यह सम्‍मान प्रतिवर्ष अलग-अलग क्षेत्रों से बीस महत्‍वपूर्ण लोगों को दिया जाता है। सामान्‍यतः लंदन में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले लॉर्ड ऑफ प्‍लैनेट कॉन्‍क्‍लेव में ये पुरस्‍कार प्रदान किए जाते है । परंतु इस वर्ष कोविड वैश्विक महामारी के मद्देनजर ये पुरस्‍कार 29 अगस्‍त को ऑन लाइन समारोह में प्रदान किये गये । मुख्‍य अतिथि डॉ. मंटेना स्‍टेला (दक्षिण अफ्रिका ) डॉ. फिरदौसी बेगम (बाग्‍ला देश) तथा डॉ. सरोजा कार्की (नेपाल) की उपस्थिति में डॉ. राकेश मिश्र को प्रमाण पत्र स्‍मृति चिह्न तथा गोल्‍ड मेडल देकर सम्‍मानित किया गया।

अपने विषय के अलावा राकेश मिश्र की पहचान एक चर्चित युवा कहानीकार की भी है, उनके चार कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं, तथा साहित्‍य में भी उन्‍हें कई पुरस्‍कारों से नवाजा जा चुका है ।

राकेश मिश्रा को पुस्तकनामा की ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएँ!


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