लगभग हर गाँव में ऐसी बहुत-सी प्रतिभाएं होती हैं जो तरह-तरह की किताबें पढ़ना तो चाहती हैं, लेकिन पढ़ नहीं पाती हैं। ऐसे में अपने गाँव में लाइब्रेरी शुरू करने का बीड़ा उठाया अवशेष चौहान ने। अवशेष ने बताया कि वैसे भी आजकल गांव में पढ़ने का माहौल कम होता जा रहा है। इसी कारण मेरे मन में अपने गांव (उत्तर प्रदेश राज्य के जिले मैनपुरी का छोटा सा गांव नौगांव) में पुस्तकालय खोलने का विचार आया है। और मैंने करीब-करीब 50000/- की किताबें इकट्ठी की मेरे पास जगह की कोई कमी नहीं थी। लाइब्रेरी की शक्ल देना, किताबों को रखने के लिए रैक, टेबल, चेयर आदि के लिए थोड़ी मेहनत लगी। मेरी पत्नी ने इस काम में मेरी बहुत मदद की।
गांव में पुस्तकालय खुलने से गांव वालों और विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति रुचि पैदा होने के साथ ही गांव में रचनात्मक गतिविधियां बढ़ने की भी उम्मीद है। इसके अलावा पुस्तकालय में रखा गया साहित्य पढ़ने से गांव में फैलने वाली कुरीतियों को रोकने में भी मदद मिलेगी। लाइब्रेरी में केवल पुस्तकें ही नहीं बल्कि देश की अलग-अलग और नामी प्रतिष्ठित पत्रिकाएँ भी उपलब्ध रहेगी। जिससे गांव वालों का सभ्यता, संस्कृति, राजनीति, धार्मिक एवं आर्थिक आदि अनेकानेक विषयों के विषय में ज्ञान बढ़ेगा। पुस्तकालय के लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। कोई किताब अगर घर ले जा रहा है, तो शर्त केवल ये है उसे बस टाइम से लौटा दे। हमारे लिए बड़ी सौभाग्य की बात रही कि ‘करुणानिधान पब्लिक कनेक्शन लाइब्रेरी’ का भव्य उद्घाटन हुआ। जो कि मशहूर उद्योगपति एवं मयन ऋषि फाउंडेशन, मैनपुरी के फाउंडर माननीय श्री दीपक अग्निहोत्री जी के द्वारा किया गया।
पठन-पाठन की इस परंपरा की शुरुआत के लिए पुस्तकनामा की ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
इस पुस्तकालय को यदि कोई सहयोग करना चाहता हो तो पुस्तकालय के संस्थापक अवशेष चौहान से इस मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकता है— 9999868008