14वां अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान कमलेश वर्मा एवं सुचिता वर्मा को

मित्र को भेजें

अपनी प्रखर आलोचनात्मक दृष्टि और क्षमता के साथ छायावाद के प्रमुख चार स्तंभ, – प्रसाद, निराला, पंत तथा महादेवी वर्मा की कविताओं के शब्दों को बोधगम्य अर्थ तक पहुंचाने का विलक्षण ‘काव्य- कोश’, दशकों की साधना से तैयार कर प्रो. कमलेश वर्मा एवं डॉ. सुचिता वर्मा ने अनूठा कार्य किया है। यह काव्य कोश हिन्दी साहित्य पढ़ने वाले पाठकों के लिए उपयोगी ही नहीं, जरूरी काव्य-कोश के रूप में शुमार होगा।

हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने हेतु इस श्रमसाध्य कार्य- ‘प्रसाद काव्य- कोश’, ‘छायावादी काव्य-कोश’ और ‘निराला काव्य कोश’ के लिए वर्ष 2023 का 14वां ‘अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान’ प्रो. कमलेश वर्मा एवं डॉ. सुचिता वर्मा को संयुक्त रूप से देने की घोषणा हमारी समिति करती है। उन्हें यह सम्मान नवंबर माह में मुजफ्फरपुर (बिहार) में आयोजित समारोह में प्रदान किया जायेगा।

इस वर्ष का यह चयन, प्रो. रवीन्द्र कुमार ‘रवि’, श्री ब्रह्मानन्द ठाकुर और वीरेन नंदा की तीन सदस्यीय चयन समिति ने किया है।

बिहार के पटना में जन्मे प्रो. कमलेश वर्मा एवं नवादा की डॉ. सुचिता वर्मा जेएनयू से पीएचडी करने के बाद फिलहाल दोनों वाराणसी के अलग-अलग राजकीय महिला महाविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। काव्य-कोश के अतिरिक्त इन दोनों की कई पुस्तकें प्रकाशित हैं। इनके संपादन में निकल रही पत्रिका ‘सत्राची ‘ यूजीसी केयर लिस्ट में शामिल है।

वर्ष 2008 से प्रारंभ यह सम्मान अबतक निम्नांकित लेखकों और पत्रिकाओं को दिया गया है- कृष्ण बलदेव वैद (2008), पत्रिका ‘तद्भव’, सं. अखिलेश (2009), शेखर जोशी (2010), डॉ. तुलसी राम (2011), डॉ. रोज केरकेट्टा (2012), अनिल यादव (2013), सुधीर विद्यार्थी (2014) डॉ. विनय कुमार (2015), पत्रिका ‘समयांतर’, सं. पंकज बिष्ट (2016), वॉल्टर भेंगरा तरुण (2017), निदा नवाज़ (2018), डॉ. जोराम यालाम (2019) एवं सुरेन्द्र मनन (2022)।


मित्र को भेजें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *