Pustaknama Sahitya Varshiki 2024

मित्र को भेजें

गति और ठहराव, द्रुत और विलंबित, राग-रंग और शोक, शुद्धता और मिलावट तथा अपेक्षा और मोहभंग की कई समानांतर, विरोधी और पूरक लकीरों से ही आज के समय की छवि मुकम्मल होती है। अपने समय, समाज और सभ्यता की समीक्षा करते हुए एक बेहतर दुनिया के स्वप्न की रचना ही साहित्य और कला का वास्तविक प्रयोजन है। स्वाद और ख्वाब की साझा जमीन पर चलनेवाली यह प्रक्रिया एक ऐसी यात्रा है, जिसकी कोई एक मंजिल नहीं हो सकती। हाँ, हर रोज मील के एक नये पत्थर तक पहुँच पाना ही इस रचनायात्रा की उपलब्धि होती है। साहित्य, कला और विचार की समग्र वार्षिकी पुस्तकनामा इसी रचना यात्राओं की शृंखला में एक विश्वसनीय कड़ी है। इसका नया अंक आहटें आस-पास शीघ्र ही आपके हाथों में होगा।

मूल्य : रुपये 200.00 (डाक खर्च नि:शुक्ल )

नीचे दिए गए लिंक से ऑर्डर करें

https://pages.razorpay.com/pl_NRZevoCrofXmfu/view


मित्र को भेजें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *