पत्रिकाएँ

पत्रिकाओं में रेणु की उपस्थिति

कुमार मंगलम किसी भी रचनाकार के उत्तर जीवन में मूल्यांकन के कई पड़ाव आते रहते हैं किंतु जन्मशती वर्ष एक ऐसे अवसर के रूप में हमारे सामने होता है जहाँ  उस रचनाकार के अवदानों का सम्पूर्ण मूल्यांकन होता है और साथ ही हम एक कृतज्ञता स्मरण के भाव से भरे रहते हैं। आज ऐसा ही …

एक संकल्प यात्रा हिन्दी त्रैमासिक ‘शीतलवाणी’ की

शैलजा सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर से हिन्दी के फलक पर एक बड़ी इबारत लिखी जा रही है। इबारत लिखने का काम कर रही है सहारनपुर से प्रकाशित हिन्दी की एक साहित्यिक पत्रिका ‘शीतलवाणी’। इस साहित्यिक त्रैमासिक का सफ़र यूँ तो करीब 40 साल पुराना है लेकिन गत 12 वर्षों में …