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अंतरंगता के रंग

राकेश कुमार कलाएँ मानव सभ्यता की समृद्धि का पैमाना होती हैं और समय को जाँचने-परखने वाली आँख भी। अक्सर आलोचक-समीक्षक अपनी सुविधा की दृष्टि से कलाओं को चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, साहित्य आदि विभिन्न विधाओं और उपविधाओं में बाँट देते हैं, पर कला और साहित्य तो जीवन की भाँति सीमाओं और रूढ़ियों का अतिक्रमण करते हैं …

प्यार ही तुम सबका नियम होना चाहिए

गीताश्री ख़लील जिब्रान के जीवन की एक महत्वपूर्ण स्त्री मिस हैशकल ख़लील को ये बात समझाती है. युवा साथी पंकज कौरव का उपन्यास “शनि: प्यार पर टेढ़ी नजर” का मूल स्वर यही पहचान पा रही हूँ. प्यार और विश्वास दो ऐसे नक्षत्र हैं जो आपस में जुड़े हैं. एक घटित होता है तो दूसरा चमक …