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इस तहरीर का भेद अभी अंधकार में है

लीलाधर मंडलोई वरिष्ठ कवि लीलाधर मंडलोई का गद्य भी पढ़ने में काव्यात्मक लगता है। उनकी डायरी विशेष तौर पर पढ़ी जाती रही है। अब तक उनकी तीन डायरी प्रकाशित हैं- ‘दाना-पानी’, ‘दिनन दिनन के फेर’ और ‘राग सतपुड़ा’। शीघ्र ही चौथी डायरी प्रकाशित होने वाली है। ‘कोरोना काल’ में रची गयी डायरी के कुछ पन्ने …