प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ नंद भारद्वाज हिन्दी तथा राजस्थानी के सुविख्यात कवि एवं कथाकार हैं। उनकी कहानियों का नया संकलन “आपसदारी” अभी हाल ही में हासिल हुआ। मैं कोई नक़्क़ाद या समीक्षक नहीं; छोटी-मोटी शायरी, अनुवाद, ऐतिहासिक उपन्यास आदि में लगा रहता हूँ; नंद जी की इन कहानियों पर कुछ लिखूंगा यह तो ठीक से सोचा …