ओम निश्चल जैसे जैसे कविता कला व संगीत में लोकतांत्रिकता का प्रसार हुआ है, स्त्री की महत्ता को संज्ञान में लिया गया है, वह सार्वजनिक क्षेत्र में अपने सामर्थ्य के ज्ञापन के साथ सामने आई है। वह अन्य सार्वजनिक सेवाओं की तरह ही कविता कला की दुनिया में भी हस्तक्षेप के साथ दर्ज हो रही …