असीम अग्रवाल स्वयं प्रकाश प्रतिष्ठित कथाकार हैं, यह सबको पता है, लेकिन उन्होंने ‘कथा-साहित्य’ से भी अलग लिखा है। उनकी नयी पुस्तक ‘धूप में नंगे पाँव’ इसी तरह की कथेतर रचना है, तथा कथेतर साहित्य की दृष्टि से एक ज़रूरी प्रयास है। यह नहीं कहा जा रहा कि ‘कथा-साहित्य’ की ज़रूरत नहीं, बल्कि साहित्य में …
ललित कुमार श्रीमाली हिंदी के सुप्रसिद्ध कथाकार-उपन्यासकार स्वयं प्रकाश के साक्षात्कारों की पुस्तक कहा-सुना में पिछले बीस वर्षों की अवधि में लिए गए उन्नीस साक्षात्कारों का संकलन है। इन साक्षात्कारों से न केवल स्वयं प्रकाश के साहित्य को समझने में मदद मिलती है अपितु हम इसके माध्यम से इस समय व समाज को भी समझ सकते …