वीरेंद्र यादव प्रायः ऐसा कम होता है कि कोई कृति तुरंता समय के पार जाकर पाठक को उस टाइम जोन में अवस्थित कर दे जिसमें वह सचमुच जीने को अभिशप्त हो. चंदन पांडे की उपन्यासिका या लंबी कहानी ‘ वैधानिक गल्प’ का पढ़ना कोरोना कैद के पार जाकर उस वास्तविक समय को महसूस करना है, …