प्रेम नंदन वत्स आज सत्य के कई रूप हो गए हैं। जहाँ तक हमारी दृष्टि जा पाती है, हम उस सत्य तक उतना ही पहुँच पाते हैं। आज कई सारी बातें आपस में धागों की तरह उलझी हुई हैं। इन उलझे हुए सत्यों के धागों के सिरों को पकड़कर सुलझाने की कोशिश है उमाशंकर चौधरी …
उमा शंकर चौधरी हिन्दी कविता में जिन कवियों के यहां राजनीतिक चेतना बहुत मुखर रूप में आयी है वरिष्ठ कवि मदन कश्यप का नाम उनमें प्रमुख है। राजनीति उनकी कविता का मुख्य स्वर है। इसलिए जिन कविताओं में वे बहुत मुखर होकर राजनीतिक चिंताओं को नहीं पकड़तें हैं वहां भी राजनीतिक दुष्परिणाम प्रकारान्तर से जरूर …
वंदना राग हर चर्च में एक क्वायर होता है.लड़के-लड़कियों का, स्त्रियों और पुरुषों का, जो आस्थावान और बे- आस्था सबको अपने धीमे गायन से आध्यात्मिक दुनिया की ऐसी गलियों में लिए चलता है कि मन भीग जाता है। उपन्यास ‘अँधेरा कोना’ पढ़ते हुए एक ऐसा ही धीमा दुःख मन को जकड़ने लगता है और फिर …