प्रेमचंद परिवार से जुड़े हिंदी के प्रसिद्ध लेखक अजितकुमार को साहित्य विरासत में मिला था। उनकी मां सुमित्रा कुमारी सिन्हा शिवरानी देवी की समकालीन लेखिका थीं और उस जमाने की प्रमुख प्रकाशक भीथीं। बच्चन परिवार के अंतरंग रहे अजित कुमार के संचयन ‘अंजुरी भर फूल’ (संपादक: पल्लव) के बहाने हिंदी के वरिष्ठ कवि पत्रकार विमल …
पल्लव आत्मकथा की कसौटी क्या है? आत्मकथा कोई क्यों पढ़े? क्या उस सम्बंधित व्यक्ति के जीवन में ऐसा कुछ है जो पाठक को अपने लिए जानना आवश्यक लगता है इसलिए वह आत्मकथा पढ़े? आत्मकथा के मूल्यांकन में ये सभी सवाल खड़े होते हैं। और इनका कोई सर्वसम्मत जवाब नहीं खोजा जा सकता। जवाब कोई है …
पल्लव मैं एक आम हिंदुस्तानी हूँ। जैसा भारतीय मध्य वर्ग का परिवेश है मैं उसी में पला-बढ़ा। जब मैं दसवीं में पढता था, तब उसी साल प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशें मानकर आरक्षण की नयी व्यवस्था लागू करने की घोषणा की थी। इस पर तथाकथित सवर्ण तबके की तीखी प्रतिक्रिया हुई। मेरे शहर (चित्तौड़गढ़ ) …